kashi 12 ज्योतिर्लिंग में एक है काशीविश्वनाथ जो भगवन भोलेनाथ को समर्पित है।

kashi काशी / वाराणसी कहा जाता है कि काशी वह नगरी है। भारतीय आध्यात्मिक एवं पौराणिक  मान्यता के अनुसार काशी बहुत ही प्राचीन नगरी है। जिसे भगवन भोलेनाथ माता पार्वती के कहने पर बसाये थे। कहा जाता है , की काशी को  भगवान भोलेनाथ ने अपने  त्रिसूल में बसाये है। और उसमें सबसे प्रसिद्ध है भगवान भोलेनाथ के काशी विश्वनाथ मंदिर।

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kashi :- तो आईए जानते हैं काशी विश्वनाथ मंदिर की यात्रा के बारे में पूरी जानकारी इस ब्लॉक के माध्यम से आपको मिलेगा ब्लॉक को अंत तक पढ़ना ना भूले कहते हैं काशी आने से लोगों को मोक्ष मिलती है।  में सही है काशी को भगवान भोलेनाथ ने अपने त्रिशूल में धारण कर लिया है काशी एक ऐसा नगरी है जो सबसे प्राचीन है।

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kash कशी में कितने घाट है और कशी का नाम कशी कैसे पड़ा

कशी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अस्सी और वरुणा नदी के संगम में बसे होने के कारण कशी नगरी पड़ा। गंगा तट में  बसा हुआ काशी नगरी  बहुत ही सुंदर और मनमोहक दृश्य मन को मोह लेती है। काशी में बहुत सारे प्राचीन मंदिर है और बहुत सारे घाट है जो की अलग अलग घंटो का अलग – अलग मान्यता है। गंगा नदी के किनारे गंगा आरती बहुत मशहूर है, कहा जाता है की कशी 84 घाट है।  80 घाट दश्वाशमेध  घाट हरिशचंद्र घाट केदारघाटऔर उससे भी और एक घाट है मणिकर्णिका घाट जो 365 दिन 24 घंटा आज कभी चिता नहीं बुझी है। चाहे रत हो या दिन हर समय हर घंटा चिता  जलती रहती है।

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kashi की यात्रा कब और कैसे करना चाहिए जाने पूरी डिटेसल्स में

आईए जानते हैं काशी की यात्रा कब और कैसे करें काशी विश्वनाथ यात्रा आप 12 महीना कर सकते हैं लेकिन जुलाई से सितंबर के बीच में भारी बारिश होने के कारण गंगा नदी में पानी  भरे रहते हैं।  इसलिए वहां आपको वोटिंग  का आनंद नहीं मिल पाएगा और घाट नहीं घूम पाएंगे।

आप kashi की यात्रा सितंबर से जून तक आप यात्रा करेंगे तो बहुत सारे चीज को आप एक्सप्लोरर कर पाएंगे इसमें कुछ प्राचीन मंदिर भी है दुर्गा मंदिर (दुर्गाकुंड) प्राचीन बजरंगबली हनुमान मंदिर है.  सारनाथ में बुद्ध ने पहले अपना पहला  ज्ञान दिया था।  और तुलसी मानस मंदिर है कल भैरव बाबा की मंदिर जिसे कशी के कौतुअल कहा जाता है।

kashi यात्रा बजट कितना आएगा

तो चलिए लिए जानते हैं काशी यात्रा की बजट प्लान के बारे में हम बात करें काशी यात्रा बजट प्लान की तो आप अपनी यात्रा पर डिपेंड करता है कि आप किस से यात्रा कर रहे हैं। जैसे कि आप रेल हवाई जहाज और प्राइवेट कर के माध्यम सेअपनी यात्रा कर सकते हैं।  तो आप अपना यात्राकिसी भी माध्यम से  कर सकते हैं इसी के एकॉर्डिंग आपको बजट लेना होगा।

अगर आप सबसे कम बजट में आप इस यात्रा को करना चाहते हैं.  तो सबसे बेस्ट ऑप्शन होगा भारतीय रेल जो कि आपको कम बजट में ही  इस यात्रा को कर सकते है या भारतीय रेल के माध्यम से सबसे काम बजट में  हो जाएगा। तो चले जानते हैं कि रेल से आप कैसे यात्रा कर सकते हैं.  सबसे पहले तो आप किसी भी शहर से आप काशी या वाराणसी जंक्शन पहुंचे दोनों स्टेशन के लिए आपको कहीं से भी ट्रेन अवेलेबल होगी वहां से आप ट्रेन बुक करके सबसे कम पैसे में काशी पहुंच सकते हैं।

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उसके बाद आप kashi में रुकने के लिए पहुंचने के बाद आप होम स्टे या गुरुद्वारा या डॉरमेट्री या होटल देख सकते है जो आपको कम से काम रेट मिल जाएगी  आप 500 से 1500 के बीच में आप हॉटल  ले सकते हैं। डिपेंड करता है आपके बजट के अनुसार आप अपने बजट के अकॉर्डिंग रूम ले सकते और वही आप रुक सकते हैं। उसके बाद खाने-पीने में आप काम से कम 1000 का एक्सपेंस होगा। पर पर्सन इसको भी आप अपने बजट के अनुसार खर्चा कर सकते है है खाने में।

manikarnika ghat मणिकर्णिका घाट की रोचक तथ्य । मणिकर्णिका घाट की इतिहास 1

और ऐसे ही बहुत सारे प्राचीन मंदिर है कहा जाता है kashi के मणिकर्णिका घाट में भगवान भोलेनाथ की एक मंदिर है जो तारकेश्वर के नाम से है। मरे हुए लोगों को कान में जाकर भगवान भोलेनाथ तारक मंत्र कह देते है, और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति देते हैं।

अगर आप भी काशी आने की सोच  रहे है तो किन किन माध्यमों से आप पहुंच सकते है –

kashiआप भारत के किसी भी शहर से रेल।,बस , हवाई मार्ग से आप पहुंच सकते है। मंदिर  के सबसे नजदीक है वाराणसी जंक्शन जो मंदिर से लगभग 5 किलो मीटर की दुरी पर  है।
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