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प्रधान मंत्री विश्वकर्मा योजना (pradhan mantri vishwakarma yojana)।

pradhan mantri vishwakarma yojana पीएम विश्वकर्मा योजना: पारंपरिक कौशल को आधुनिक प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता के साथ सशक्त बनाने की पहल।

pradhan mantri vishwakarma yojana

pradhan mantri vishwakarma yojana : प्रधान मंत्री विश्वकर्मा योजना: भारतीय उद्यमिता को बढ़ावा देने की एक प्रक्रिया

भारतीय सरकार ने प्रधान मंत्री विश्वकर्मा योजना (PMVKY) की शुरुआत की है, जो उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना उन विश्वकर्मा (विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, और मध्य भारतीय राज्यों के लोगों) को लक्ष्यित करती है जो अपने उद्योग या व्यवसाय की शुरुआत करना चाहते हैं, लेकिन वित्तीय समस्याओं के कारण इसे करने में असमर्थ हैं।

Pradhan Mantri Vishwakarma Yojana

Pradhan Mantri Vishwakarma Yojana (PMVKY) का मुख्य उद्देश्य

Pradhan Mantri Vishwakarma Yojana (PMVKY) का मुख्य उद्देश्य यह है कि यह विश्वकर्मा समुदाय को स्वावलंबी बनाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करे, उन्हें उद्यमिता की दिशा में प्रेरित करे, और उन्हें नई और नवीनतम तकनीकों के साथ जोड़े। इसके तहत, सरकार कई उद्यमों को आर्थिक सहायता प्रदान करेगी, जिससे वे अपने कार्यों को बढ़ावा देने और विस्तारित करने में सक्षम हों।

pradhan mantri vishwakarma yojana : इस योजना के तहत, विश्वकर्मा समुदाय के सदस्यों को ऋण और उनके व्यवसायों के लिए उत्पादकता वृद्धि की सहायता की जाएगी। साथ ही, वे प्रशिक्षण और बाजार में उत्पादों की प्रदर्शनी के लिए भी तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा, समुदाय के सदस्यों को वित्तीय संसाधनों के पहुँच को बढ़ावा देने के लिए सुविधाएँ भी प्रदान की जाएगी।

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PMVKY के अंतर्गत, विश्वकर्मा समुदाय को उनके व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक सहायता मिलेगी, जो उन्हें नई और नवीनतम तकनीकों के साथ जोड़े, और अधिक उत्पादन और आय का स्रोत बन सकते हैं। इसके अलावा, योजना से समुदाय के सदस्यों को उचित प्रशिक्षण और बाजार में अपने उत्पादों की प्रदर्शनी के लिए मौके भी मिलेंगे।

प्रधान मंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) भारत सरकार द्वारा उन कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से लागू की गई है जो पारंपरिक हस्तशिल्प और अन्य हाथ से किए जाने वाले कार्यों में संलग्न हैं। इस योजना के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

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  • pradhan mantri vishwakarma yojana: पारंपरिक शिल्पकारों के लिए आर्थिक एवं तकनीकी सशक्तिकरण

  1. आर्थिक सहायता:
    • इस योजना के तहत, शिल्पकारों को टूलकिट खरीदने के लिए ₹15,000 का e-RUPI वाउचर प्रदान किया जाता है। इसके अलावा, उनके व्यापार को बढ़ाने के लिए ₹1,00,000 से लेकर ₹3,00,000 तक का लोन 5% की ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाता है।
  2. प्रशिक्षण और कौशल विकास:
    • प्रधान मंत्री विश्वकर्मा योजना के कारीगरों को बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें 40 घंटे का प्रशिक्षण शामिल होता है। प्रशिक्षण के दौरान स्टाइपेंड भी प्रदान किया जाता है। इस प्रकार से उनकी दक्षता और उत्पादकता।
  3. पहचान और प्रमाणीकरण:
    • योजना के तहत कारीगरों को विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड जारी किए जाते हैं, जिससे उन्हें एक नई पहचान मिलती है। यह प्रमाण पत्र उनके कार्य की मान्यता और प्रोत्साहन के रूप में कार्य करता है।
  4. प्रदर्शन और बाजार तक पहुंच:
    • शिल्पकारों को उनके उत्पादों के प्रदर्शन और बिक्री के लिए प्रदान की जाती है। इस प्रकार से उनकी आय में वृद्धि होती है और उनके व्यवसाय का विस्तार होता है।
  5. सामाजिक सुरक्षा:
    • प्रधान मंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत कारीगरों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाती है, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होता है और वे आर्थिक संकटों से बच सकते
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प्रधान मंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य भारत के ​और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना, उनके कौशल को बढ़ाना, और उनके उत्पादों को व्यापक बाजार उपलब्ध कराना है, जिससे उनकी आजीविका में सुधार हो सके।​